Best Short Motivational Story In Hindi
चिड़िया और शैतान आदमी की कहानी
Story of a Sparrow and Demon Man
Every day a bird used to collect straws to make its nest and the evil man used to break that bird's nest every day. This continued for many months but the bird did not stop building the nest the evil man finally got tired and stopped breaking the bird's nest and then within a few days the bird laid eggs in its nest. Out of which lovely baby birds came out.
Seeing those cute little children, the man also became very happy, started taking care of them, and started feeding them. One day he asked the bird I used to break your nest every day but why did you not stop doing your work, then the bird said Brother, you were doing your work and I was doing mine.
सफलता के लिए भोजन, प्रोटीन और विटामिंस पढ़िए
वाल्मीकि रामायण में वर्णन है कि सुग्रीव जब माता सीता की खोज में वानर वीरों को पृथ्वी की अलग-अलग दिशाओं में भेज रहे थे, तब उन्हें यह भी बता रहे थे कि तुम्हें कहां क्या दिखाई देगा, कौन सा देश मिलेगा, कैसे पहाड़ और वनस्पति मिलेंगे। कहां जाना चाहिए और कहां नहीं जाना चाहिए।
प्रभु श्रीराम सुग्रीव का ये भगौलिक ज्ञान देखकर हतप्रभ थे। उन्होंने सुग्रीव से पूछा कि सुग्रीव तुमको ये सब कैसे पता। तो सुग्रीव ने उनसे कहा कि, जब बाली से अपने प्राणों की रक्षा करने के लिए भयभीत होकर में भाग रहा था। यहां वहां छुपने के लिए एक सुरक्षित स्थान की तलाश कर रहा था। इस प्रक्रिया में मैंने पूरी पृथ्वी का भ्रमण कर लिया था। इसके कारण मुझे पृथ्वी के भूगोल का पूरा ज्ञान है।
जरा सोचिए, यदि बाली और सुग्रीव में युद्ध ना हुआ होता। यदि सुग्रीव की पराजय ना होती, यदि वह अपने प्राणों की रक्षा के लिए मैदान छोड़कर भागते नहीं, तो क्या उन्हें पृथ्वी के भूगोल का ज्ञान हो पाता और यदि सुग्रीव का भूगोल का ज्ञान ना होता तो माता सीता का पता लगाना कितना मुश्किल होता।
इसीलिए किसी ने कहा है कि सफलता के लिए यह तीनों अनिवार्य हैं-अनुकूलता भोजन है, प्रतिकूलता विटामिन और चुनौतियां प्रोटीन है।
Read Food, Protein, and Vitamins for Success
It is described in Valmiki Ramayana that when Sugriva was sending the monkey warriors to different directions of the earth in search of Mother Sita, he was also telling them where they would see what, which country they would find, what kind of mountains and vegetation will be there. Will meet. Where to go and where not to go.
Lord Shri Ram was astonished to see this geographical knowledge of Sugriva. He asked Sugriva, Sugriva, how do you know all this? So Sugriva told him that when he was running away in fear from Bali to save his life. I was looking for a safe place to hide here and there. In this process, I traveled around the entire earth. Because of this, I have complete knowledge of the geography of the earth.
Just imagine, if there had been no war between Bali and Sugriva. If Sugriva had not been defeated, if he had not run away from the field to save his life, would he have been able to know the geography of the earth if Sugriva had not known about geography then how difficult it would have been to locate Mother Sita.
That is why someone has said that these three are essential for success-Favorability is food, adversity is vitamins and challenges are protein.
मेंढकों की टोली
एक मेंढकों की टोली जंगल के रास्ते से जा रही थी. अचानक दो मेंढक एक गहरे गड्ढे में गिर गये. जब दूसरे मेंढकों ने देखा कि गढ्ढा बहुत गहरा है तो ऊपर खड़े सभी मेढक चिल्लाने लगे ‘तुम दोनों इस गढ्ढे से नहीं निकल सकते, गढ्ढा बहुत गहरा है, तुम दोनों इसमें से निकलने की उम्मीद छोड़ दो.
उन दोनों मेढकों ने शायद ऊपर खड़े मेंढकों की बात नहीं सुनी और गड्ढे से निकलने की लिए लगातार वो उछलते रहे. बाहर खड़े मेंढक लगातार कहते रहे ‘ तुम दोनों बेकार में मेहनत कर रहे हो, तुम्हें हार मान लेनी चाहियें, तुम दोनों को हार मान लेनी चाहियें. तुम नहीं निकल सकते.
गड्ढे में गिरे दोनों मेढकों में से एक मेंढक ने ऊपर खड़े मेंढकों की बात सुन ली, और उछलना छोड़ कर वो निराश होकर एक कोने में बैठ गया. दूसरे मेंढक ने प्रयास जारी रखा, वो उछलता रहा जितना वो उछल सकता था.
बहार खड़े सभी मेंढक लगातार कह रहे थे कि तुम्हें हार मान लेनी चाहियें पर वो मेंढक शायद उनकी बात नहीं सुन पा रहा था और उछलता रहा और काफी कोशिशों के बाद वो बाहर आ गया. दूसरे मेंढकों ने कहा ‘क्या तुमने हमारी बात नहीं सुनी.
उस मेंढक ने इशारा करके बताया की वो उनकी बात नहीं सुन सकता क्योंकि वो बेहरा है सुन नहीं सकता, इसलिए वो किसी की भी बात नहीं सुन पाया. वो तो यह सोच रहा था कि सभी उसका उत्साह बढ़ा रहे हैं.
Group of Frog
A group of frogs was going through the forest. Suddenly two frogs fell into a deep pit. When the other frogs saw that the pit was very deep, all the frogs standing above started shouting, 'Both of you cannot get out of this pit, the pit is very deep, and both of you give up hope of getting out of it.
Those two frogs probably did not listen to the frogs standing above and they kept jumping continuously to get out of the pit. The frogs standing outside kept saying, 'Both of you are working in vain, you should accept defeat, both of you should accept defeat. You can't leave.
One of the two frogs that fell into the pit heard the words of the frogs standing above stopped jumping and sat in a corner in disappointment. The other frog continued his efforts, jumping as high as he could.
All the frogs standing outside were continuously saying that they should give up, but that frog probably was not able to listen to them and kept jumping and after a lot of effort, he came out. The other frogs said, 'Didn't you listen to us?
The frog pointed and said that he could not listen to them because he was deaf and could not hear, hence he could not listen to anyone. He was thinking that everyone was cheering him on.
चील और मुर्गी
एक जंगल में बरगद का पेड़ था. उस पेड़ के ऊपर एक चील घोंसला बनाकर रहती थी जहाँ उसने अंडे दे रखे थे. उसी पेड़ के नीचे एक जंगली मुर्गी ने भी अंडे दे रखें थे. एक दिन उस चील के अंडों में से एक अंडा नीचे गिरा और मुर्गी के अंडों में जाकर मिल गया.
समय बीता अंडा फूटा और चील का बच्चा उस अंडे से निकला और वह यह सोचते बड़ा हुआ की वो एक मुर्गी है. वो मुर्गी के बांकी बच्चों के साथ बड़ा हुआ. वह उन्ही कामों को करता जिन्हें एक मुर्गी करती है. वो मुर्गी की तरह ही कुड़कुड़ाता, जमीन खोद कर दाने चुगता और वो इतना ही ऊँचा उड़ पाता जितना की एक मुर्गी उड़ती है.
एक दिन उसने आसमान में एक चील को देखा जो बड़ी शान से उड़ रही थी. उसने अपनी मुर्गी माँ से पूछा की उस चिड़िया का क्या नाम है जो इतना ऊँचा बड़ी शान से उड़ रही है. मुर्गी ने जबाब दिया वह एक चील है. फिर चील के बच्चे ने पूछा माँ मैं इतना ऊँचा क्यों नहीं उड़ पाता। मुर्गी बोली तुम इतना ऊँचा नहीं उड़ सकते क्योंकि तुम एक मुर्गे हो. उसने मुर्गी की बात मान ली और मुर्गे की जिंदगी जीता हुआ एक दिन मर गया.
The Eagle and Hen
There was a banyan tree in a forest. An eagle lived with a nest on top of that tree where it had laid eggs. A wild hen had also laid eggs under the same tree. One day one of the eagle's eggs fell and got mixed with the hen's eggs.
Time passed, the egg cracked and a baby eagle came out of the egg and he grew up thinking that he was a hen. He grew up with the other chickens. He does the same things that a hen does. He would cluck like a hen, dig in the ground, and peck at grains and he could fly as high as a hen can.
One day he saw an eagle in the sky which was flying with great pride. He asked his mother hen what was the name of that bird which was flying so high and proudly. The hen replied that it was an eagle. Then the eagle child asked my mother why I couldn't fly so high. The hen said, "You can't fly that high because you are a chicken." He accepted the hen's advice and one day he died while living the life of a hen.
चमकीले नीले पत्थर की कीमत
एक शहर में बहुत ही ज्ञानी प्रतापी साधु महाराज आये हुए थे, बहुत से दीन दुखी, परेशान लोग उनके पास उनकी कृपा दृष्टि पाने हेतु आने लगे. ऐसा ही एक दीन दुखी, गरीब आदमी उनके पास आया और साधु महाराज से बोला ‘ महाराज में बहुत ही गरीब हूँ, मेरे ऊपर कर्जा भी है, मैं बहुत ही परेशान हूँ। मुझ पर कुछ उपकार करें’.
साधु महाराज ने उसको एक चमकीला नीले रंग का पत्थर दिया, और कहा ‘कि यह कीमती पत्थर है, जाओ जितनी कीमत लगवा सको लगवा लो। वो आदमी वहां से चला गया और उसे बचने के इरादे से अपने जान पहचान वाले एक फल विक्रेता के पास गया और उस पत्थर को दिखाकर उसकी कीमत जाननी चाही।
फल विक्रेता बोला ‘मुझे लगता है ये नीला शीशा है, महात्मा ने तुम्हें ऐसे ही दे दिया है, हाँ यह सुन्दर और चमकदार दिखता है, तुम मुझे दे दो, इसके मैं तुम्हें 1000 रुपए दे दूंगा।
वो आदमी निराश होकर अपने एक अन्य जान पहचान वाले के पास गया जो की एक बर्तनों का व्यापारी था. उनसे उस व्यापारी को भी वो पत्थर दिखाया और उसे बचने के लिए उसकी कीमत जाननी चाही। बर्तनो का व्यापारी बोला ‘यह पत्थर कोई विशेष रत्न है में इसके तुम्हें 10,000 रुपए दे दूंगा. वह आदमी सोचने लगा की इसके कीमत और भी अधिक होगी और यह सोच वो वहां से चला आया.
उस आदमी ने इस पत्थर को अब एक सुनार को दिखाया, सुनार ने उस पत्थर को ध्यान से देखा और बोला ये काफी कीमती है इसके मैं तुम्हें 1,00,000 रूपये दे दूंगा।
वो आदमी अब समझ गया था कि यह बहुत अमुल्य है, उसने सोचा क्यों न मैं इसे हीरे के व्यापारी को दिखाऊं, यह सोच वो शहर के सबसे बड़े हीरे के व्यापारी के पास गया।उस हीरे के व्यापारी ने जब वो पत्थर देखा तो देखता रह गया, चौकने वाले भाव उसके चेहरे पर दिखने लगे. उसने उस पत्थर को माथे से लगाया और और पुछा तुम यह कहा से लाये हो. यह तो अमुल्य है. यदि मैं अपनी पूरी सम्पति बेच दूँ तो भी इसकी कीमत नहीं चुका सकता.
Price of Bright Blue Stone
A very knowledgeable and famous Sadhu Maharaj had come to a city, and many poor, sad, and distressed people started coming to him to seek his blessings. One such miserable, poor man came to him and said to Sadhu Maharaj, 'Maharaj, I am very poor, I have a debt, I am very distressed. Do me some favor'.
Sadhu Maharaj gave him a bright blue stone and said, 'This is a precious stone, go and get it for as much price as you can.' The man left the place and to save her, he went to a fruit seller he knew and showed him the stone and wanted to know its value.
The fruit seller said, 'I think this is blue glass, Mahatma has given it to you just like this, yes it looks beautiful and shiny, you give it to me, I will give you 1000 rupees for it.
Disappointed, the man went to another acquaintance of his who was a utensils merchant. He also showed the stone to the merchant and wanted to know its value to save himself. The pottery merchant said, 'This stone is a special gem, I will give you 10,000 rupees for it. The man started thinking that its price would be even higher and thinking this he left from there.
The man now showed this stone to a goldsmith, the goldsmith looked at the stone carefully and said that it was very valuable and I would give you Rs 1,00,000 for it.
The man now understood that it was very priceless, he thought why not show it to the diamond merchant, thinking this he went to the biggest diamond merchant in the city. When the diamond merchant saw the stone, he kept looking at it. Gai, shocked expressions started appearing on his face. He touched the stone to his forehead and asked where did you bring it from. This is priceless. Even if I sell my entire property I cannot pay its price.
एक आलसी आदमी
एक बार की बात है एक बहुत आलसी आदमी था, शारारिक रूप से स्वस्थ्य होने के बाद भी वो भिखारी की ज़िन्दगी गुजारता था। खाने पीने के लिए हमेशा दूसरों पर निर्भर रहता था। एक दिन जब वह खाने के लिए कुछ खोज रहा था, तो उसने फल लगे पेड़ों को देखा।
चारों ओर देखने के बाद कि कहीं कोई देख तो नहीं रहा, वो उस बगीचे के अंदर चला गया और देखा कि कोई भी उन पेड़ों की रखवाली नहीं कर रहा है तो उसने जल्दी से कुछ फल चुराने का फैसला किया।
लेकिन जैसे ही उसने पेड़ पर चढ़ना शुरू किया, किसान ने उसे देख लिया और उसे पकड़ने के लिए दौड़ कर आने लगा। जब आलसी आदमी ने डंडा लेकर उस किसान को अपने पास आते देखा, वह डर गया और छिपने के लिए पास के एक जंगल को ओर भाग गया।
जंगल में जैसे ही वो थोड़ा सा आगे बढ़ा उसने एक लोमड़ी को देखा जिसके केवल दो पैर थे और वो रेंग रही थी। आलसी आदमी ने सोचा, ऐसी हालत में यह लोमड़ी कैसे जिंदा रह सकती है ? लोमड़ी भाग नहीं सकती है, वह कैसे खुद के लिए खाना ढूंढने या अन्य जानवरों से अपनी रक्षा कर सकती है और कैसे जीवित रह सकती है।
तभी अचानक उसने देखा कि एक शेर अपने मुंह में एक मांस का टुकड़ा लिए लोमड़ी की ओर आ रहा है। सभी जानवर भाग गए और आलसी आदमी खुद को बचाने के लिए पेड़ पर चढ़ गया।
लेकिन, लोमड़ी वहीं रुकी रही, उसके पास दो पैरों पर चलने की क्षमता नहीं थी। लेकिन इसके बाद जो हुआ उसने आलसी आदमी को हैरान कर दिया। शेर लोमड़ी के पास आया और मांस का वो टुकड़ा उसने वहां छोड़ा, जो उसके मुंह में लोमड़ी के लिए था।
यह देखकर आलसी आदमी खुश हो गया। वो सोचने लगा कि भगवान जिन्होंने सभी को बनाया है, हमेशा उनके द्वारा बनाई गई चीजों की देखभाल के लिए एक योजना निर्धारित कर देते हैं। वो सोचने लगा कि भगवान ने उसके लिए भी कुछ योजना बनाई होगी।
जंगल से बाहर निकलकर वो एक जगह बैठ गया और इंतज़ार करने लगा की उसे कोई खाना खिलाने आएगा। उसका विश्वास था की उसके लिए भी ईश्वर किसी को भेजेगा जो खाना लाएगा।
लेकिन जैसे-जैसे समय बीतने लगा, वह सड़क पर देखता रहा, अपने भोजन की प्रतीक्षा करता रहा। वो दो दिन तक भोजन के लिए इंतजार करता रहा ! अंत में, वह अपनी भूख को सहन नहीं कर सका और भोजन की तलाश में चल दिया।
रास्ते में उसे एक साधु महात्मा मिले। उसने साधु को पूरी घटना बताई । साधु ने उसे कुछ भोजन और पानी दिया। भोजन करने के बाद आलसी आदमी ने साधु से पूछा, “महाराज, भगवान ने उस अपंग लोमड़ी पर अपनी दया दिखाई थी, लेकिन भगवान मेरे लिए इतना क्रूर क्यों हैं। भगवान ने मेरी मदद के लिए किसी को क्यों नहीं भेजा।”उसकी बात सुनकर साधु ने मुस्कुराते हुए कहा, “यह सच है कि भगवान के पास सभी के लिए एक योजना है। आप स्पष्ट रूप से सबकुछ भगवान की योजना का एक हिस्सा हैं। लेकिन बेटा, तुमने उनकी बात को गलत तरीके से लिया। वह नहीं चाहते थे कि तुम लोमड़ी की तरह रहो। वह चाहता थे की तुम शेर की तरहबनो !”
A Lazy Man
Once upon a time, there was a very lazy man, despite being physically healthy, he used to live the life of a beggar. Always depended on others for food and drink. One day when he was looking for something to eat, he saw trees bearing fruits.
After looking around to see if anyone was watching, he went inside the garden and saw that no one was guarding those trees so he quickly decided to steal some fruits.
But as soon as he started climbing the tree, the farmer saw him and started running to catch him. When the lazy man saw the farmer approaching him with a stick, he got scared and ran to a nearby forest to hide.
As he moved a little further into the forest, he saw a fox that had only two legs and was crawling. The lazy man thought, how can this fox survive in such conditions? The fox cannot run away, how can it find food for itself or protect itself from other animals and survive?
Then suddenly he saw a lion coming towards the fox with a piece of meat in its mouth. All the animals ran away and the lazy man climbed the tree to save himself.
But, the fox remained there, he could not walk on two legs. But what happened next surprised the lazy man. The lion came to the fox and left the piece of meat which he had for the fox in his mouth.
Seeing this the lazy man became happy. He began to think that God, who created everyone, always had a plan in place to take care of the things He had created. He started thinking that God might have planned something for him too.
Coming out of the forest, he sat at a place and started waiting for someone to come to feed him. He believed that God would send someone who would bring food for him too.
But as time passed, he kept looking at the road, waiting for his meal. He waited for food for two days! Finally, he could not bear his hunger and went in search of food.
On the way, he met a sage, Mahatma. He told the entire incident to the monk. The monk gave him some food and water. After having the meal the lazy man asked the sage, “Maharaj, God had shown His mercy to that crippled fox, but why is God so cruel to me. Why didn't God send anyone to help me?"
Hearing him, the sage smiled and said, “It is true that God has a plan for everyone. You are a part of God's plan for everything. But son, you took what he said wrongly. He didn't want you to live like a fox. He wanted you to be like a lion!”
खाली प्रश्न पत्र
एक दिन एक अध्यापक कक्षा में आये और सभी विद्यार्थियों को एक सरप्राइज टेस्ट की तैयारी करने को कहा। अगले दिन सभी विधार्थी सरप्राइज टेस्ट शुरू करने के लिए क्लास में उत्सुकता से इंतज़ार कर रहे थे। अध्यापक आये और सभी विद्यार्थियों को प्रश्न पत्र दिया और शुरू करने के लिए कहा। जब सभी विधार्थियों ने प्रश्न पत्र देखा तो वो हैरान हो गए। पेज के बीचों बीच सिर्फ एक कला बिंदु था।
अध्यापक ने सभी के चेहरे पर इस अभिव्यक्ति को देखा और कहा, “मैं चाहता हूं कि आप जो कुछ भी वहां देखते हो उसे लिखो।” किसी भी छात्र को समझ नहीं आ रहा था कि वह इस अकथनीय प्रश्न पत्र को कैसे हल करे। जिस छात्र को जो समझ आया उसने लिखना शुरू किया ।
कक्षा के अंत में, अध्यपक ने सभी उत्तर पुस्तिकाओं को लिया और उनमें से प्रत्येक उत्तर को सभी छात्रों के सामने जोर से पढ़ना शुरू कर दिया। सभी ने उस काले बिंदु के बारे में समझाने की कोशिश की थी।
अध्यापक के सभी उत्तर पढ़ने के बाद , उन्होंने समझाना शुरू किया, “मैं इसमें आपको कोई नंबर नहीं दे रहा हूँ , मैं सिर्फ आपको आपके सोचने के बारे में कुछ कहना चाहता हूँ। कागज के सफेद हिस्से के बारे में किसी ने नहीं लिखा। सभी ने ब्लैक डॉट पर ध्यान केंद्रित किया।
बच्चों हमारे जीवन में भी अक्सर ऐसा ही होता है। हमारा जीवन भी एक खाली पन्ना है जो आनंद और खुशियों से भरा है , लेकिन हम हमेशा अंधेरे स्थानों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। हमारा जीवन ‘प्रेम, ख़ुशी और देखभाल के साथ भगवान द्वारा हमें दिया गया एक अनमोल उपहार है। हमारे पास हमेशा जश्न मनाने के कारण उपलब्ध हैं, प्रकृति हर दिन खुद को नवीनीकृत करती है, हमारे चारों ओर हमारे दोस्त। हमें अपनी देखभाल और जीविका चलाने की शक्ति ईश्वर ने दी है, लेकिन हम केवल काले धब्बों पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर देते हैं।”
Blank Question Paper
One day a teacher came to the class and asked all the students to prepare for a surprise test. The next day all the students were anxiously waiting in the class to start the surprise test. The teacher came and gave question papers to all the students and asked them to start. When all the students saw the question paper, they were surprised. There was just a dot of art in the middle of the page.
The teacher saw this expression on everyone's faces and said, “I want you to write down whatever you see there.” No student could understand how to solve this inexplicable question paper. The student who understood started writing.
At the end of the class, the teacher took all the answer sheets and started reading each of the answers out loud to all the students. Everyone tried to explain about that black dot.
After the teacher read all the answers, he started to explain, “I'm not giving you any marks on this, I just want to tell you something about your thinking. No one wrote about the white part of the paper. Everyone focused on the black dot.
Children, this often happens in our lives too. Our life is also a blank page that is full of joy and happiness, but we always focus on the dark places. Our life is a precious gift given to us by God with love, happiness, and care. We always have reasons to celebrate, nature renews itself every day, and our friends are all around us. “God has given us the power to take care of ourselves and make a living, but we insist on focusing only on the dark spots.”
सनकी बूढ़ा आदमी
एक गाँव में एक बूढ़ा आदमी रहता था। पूरा गाँव उसे पसंद नहीं करता था कारण, वह हमेशा उदास रहता था, वह लगातार शिकायत करता था और हमेशा बुरे मूड में रहता था। सभी लोग उसे सनकी कहते थे।
लोग उससे बचने की पूरी कोशिश करते थे क्योंकि वह जितना बूढ़ा होता जा रहा था, उतना ही अधिक उदास, चिड़चिड़ा और कठोर बोलने वाला होता जा रहा था। उसका व्यवहार बहुत ख़राब था। वह किसी से भी खुश नहीं होता था।
जब वह अस्सी साल का हो गया तो एक दिन एक अजीव घटना हुई ! जिस पर कोई विश्वास नहीं कर रहा था। पूरे गांव में यह बात फ़ैल गई की बूढ़ा आज खुश है, वह सभी से हंस कर बोल रहा है और किसी भी बात की शिकायत नहीं करता, मुस्कुराता है और यहां तक कि उसका चेहरा भी खिला खिला रहता है।
पूरा गाँव उस आदमी के पास पंहुचा और उससे पूछा, “क्या हुआ तुम्हें। तुम अचानक बदल कैसे गए ?”
बूढ़े आदमी ने जवाब दिया, बस कुछ खास नहीं। अस्सी साल तक मैं खुशी का पीछा कर रहा था मैं चीज़ो में ख़ुशी ढूढ़ता था, लेकिन वो सब बेकार था और फिर मैंने खुशी के बिना जीने का फैसला किया और बस जीवन का आनंद लेना शुरू कर दिया। इसलिए मैं अब खुश हूं। ”
Crazy Old Man
An old man lived in a village. The whole village didn't like him because he was always sad, he complained constantly, and he was always in a bad mood. Everyone called him a freak.
People tried their best to avoid him because the older he grew, the more gloomy, irritable, and harsh-spoken he became. His behavior was very bad. He was not happy with anyone.
When he turned eighty years old, one day a strange incident happened. Which no one believed. The news spread throughout the village that the old man is happy today, he is laughing and talking to everyone and does not complain about anything, he smiles and even his face is cheerful.
The whole village reached the man and asked him, “What happened to you?” How did you change suddenly?”
The old man replied, "Nothing special." For eighty years I was chasing happiness. I used to look for happiness in things, but it was all useless and then I decided to live without happiness and just started enjoying life. So I am happy now. ,
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